CG Politics: ‘पहले विधानसभा से निकाला, फिर मंत्रिमंडल से…’, बृजमोहन के लिए दुखी हुए बघेल!

भूपेश बघेल ने अपने सोशल मिडीया हैंडल में एक पोस्ट करते हुए पूर्व मंत्री वृजमोहन अग्रवाल की चुटकी ली और विधानसभा का संदर्भ देते हुए हर जगह से निकाल देने की बात की है.

Brijmohan Agrawal and Bhupesh Baghel

Brijmohan Agrawal and Bhupesh Baghel

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CG Politics:  तोखन साहू को मंत्री पद मिलने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में कुछ हलचल दिख रही है. दरअसल, बीजेपी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल को मोदी कैबिनेट में कोई भी जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. अब छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) सोशल मीडिया के जरिए अग्रवाल पर चुटकी लेते नजर आ रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने 11 में से 10 सीटों पर कमल खिलाया है. एक सबसे चर्चीत सीट रही रायपुर (Raipur) लोकसभा सीट, क्योंकि यहां से पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Agrawal) को बीजेपी ने रण में उतारा था. 8 बार के विधायक रहे अग्रवाल पर रायपुर की जनता ने अपने नेता के प्यार को वोटों में तबदील कर के उन्हें 5 लाख से भी अधीक वोटों से विजयी बनाया. 

बृजमोहन को मोदी 3.0 कैबीनेट में जगह नहीं

बृजमोहन अग्रवाल ने हाल ही में अपने मंत्री पद और विधायकी से इस्तीफा दिया है. लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद उन्होंने ऐसा किया. छत्तीसगढ़ के कुल 10 सांसद में से मात्र एक ही सांसद को मोदी 3.0 कैबीनेट में जगह मिली. बिलासपुर लोकसभा से कमल खिलाने वाले तोखन साहू को ये मौका मिला. तोखन साहू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. 

तोखन के मंत्री बनने के बाद अब छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है क्योंकि 8 बार के विधायक रहे जन नेता को यह जिम्मेदारी न देना जनता और कई नेताओं के मन में बहुत से प्रश्न खड़े कर देता है.

'मंत्रिमंडल से निकाला'- बघेल

भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व मंत्री वृजमोहन अग्रवाल की चुटकी ली और विधानसभा का संदर्भ देते हुए हर जगह से निकाल देने की बात की है. पूर्व मुखमंत्री ने x पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पहले विधानसभा से निकाला, फिर मंत्रिमंडल से निकाला और अब रायपुर के सांसद को योग दिवस के कार्यक्रम से भी निकाल दिया.

बघेल ने योग दिवस के निमंत्रण पर बृजमोहन के नाम का न होना रायपुर की जनता का अपमान बताते हुए लिखा कि विचारधारा और कार्यप्रणाली के आधार पर किसी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं. लेकिन श्री बृजमोहन अग्रवाल जी एक वरिष्ठ राजनेता और जनप्रतिनिधि भी हैं, उनका नाम इस निमंत्रण पत्र में न होना, रायपुर लोकसभा की जनता का भी अपमान है. 
  

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