छत्तीसगढ़ में धान खरीद को लेकर सियासत जोरों पर, BJP ने श्वेत पत्र जारी करने की मांग की

छत्तीसगढ़ में धान और शराब, दो ऐसी चीजें हैं जिनपर इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है. बीजेपी ने शराब घोटाले पर कांग्रेस सरकार को…

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छत्तीसगढ़ में धान और शराब, दो ऐसी चीजें हैं जिनपर इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है. बीजेपी ने शराब घोटाले पर कांग्रेस सरकार को घेरने के बाद अब धान खरीद को लेकर हमला बोला है. छत्तीसगढ़ भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार से धान खरीद पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है. साथ ही, कहा कि यह मुद्दा 18 जुलाई से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के आगामी मॉनसून सत्र में उठाया जाएगा.

 

बीजेपी नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत का एक वीडियो चलाया, जिसे विधानसभा में रिकॉर्ड किया गया है. इसमें मंत्री कहते नजर आ रहे हैं कि राज्य सरकार ने धान के लिए 11,148 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि केंद्र ने 51,563 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

 

भाजपा के राज्य महासचिव ओपी चौधरी ने धान खरीद के लिए केंद्र की तरफ से किए गए वर्ष-वार मौद्रिक आवंटन का आंकड़ा भी पेश किया. इस पीसी में भाजपा नेता चन्द्रशेखर साहू और भाजपा कृषि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पवन साहू भी उपस्थित रहे.

 

भाजपा नेताओं ने राज्य में धान खरीदी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे को खुली बहस की चुनौती दी. चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की खरीद केंद्र सरकार के सहयोग से ही संभव हो सकी है.

 

उन्होंने दावा किया कि पिछले साल 81 प्रतिशत धान केंद्र सरकार ने खरीदा था और वह राज्य को लगभग तीन-चौथाई भुगतान पहले ही कर चुकी है. चौधरी ने आगे आरोप लगाया कि रविंद्र चौबे ने अपने ट्विटर हैंडल पर धान खरीद और केंद्र सरकार के योगदान पर भ्रामक डेटा पोस्ट किया था.

 

यह दावा करते हुए कि राज्य के कृषि मंत्री द्वारा जारी आंकड़े गलत हैं, भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार उसी अनुपात में किसानों को दिए जाने वाले बोनस में बढ़ोतरी नहीं कर रही है.

 

यह दावा करते हुए कि राज्य के कृषि मंत्री द्वारा जारी आंकड़े गलत हैं, भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार उसी अनुपात में किसानों को दिए जाने वाले बोनस में बढ़ोतरी नहीं कर रही है।

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