Bemetara Blast: बेमेतरा कलेक्टर ने बारूद फैक्ट्री के प्रोडक्शन पर लगाई रोक, कर दिया ये ऐलान

Bemetara Blast: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में विस्फोटक बनाने वाली एक बारूद फैक्ट्री में हुए धमाके मामले में स्थानीय प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है

Bemetara Factory Blast

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Bemetara Blast: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले(Bemetara Factory Blast) में विस्फोटक बनाने वाली एक बारूद फैक्ट्री में हुए धमाके मामले में स्थानीय प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. जिला कलेक्टर ने बुधवार को यूनीट में उत्पादन और "संबद्धित गतिविधियों" को बंद करने का आदेश दिया है. वहीं मृतक और घायलों के परिजनों को मुआवजा देने की भी बात कही है.
बता दें कि 25 मई को बेरला विकास खंड के पिरदा गांव के पास स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कम से कम छह घायल बताए जा रहे हैं. वहीं इस दौरान बचाव दल को मलबे में शरीर के अंग भी मिले थे.जिला प्रशासन के मुताबिक, विस्फोट के बाद आठ मजदूर लापता हैं और उनकी पहचान के लिए मलबे से मिले शरीर के हिस्सों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया है. 
 

बेमेतरा कलेक्टर ने दिया ये आदेश

बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा ने बुधवार को एक आदेश में कहा, "स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में हुए विस्फोट में कई लोगों की मौत हो गई है. घटना के बाद सार्वजनिक सुरक्षा को देखते हुए अगले आदेश तक कारखाने में उत्पादन और संबद्ध गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया गया है." 
 इस आदेश में कहा गया है कि फैक्ट्री प्रबंधन को वहां रखें विस्फोटक सामग्री की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी, जैसा कि राज्य सरकार ने पहले घोषणा की थी. जिला प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश भी जारी कर दिया है.

45 दिनों के भीतर देनी होगी रिपोर्ट

सोमवार को जारी आदेश के मुताबिक, बेमेतरा जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी (बेरला क्षेत्र) पिंकी मनहर को मजिस्ट्रियल जांच का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसमें कहा गया है कि जांच के संदर्भ की शर्तों में विस्फोट का कारण, फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा व्यवस्थित सुरक्षा उपायों की जांच, लाइसेंस, भंडारण और उपयोग का विवरण और घटना के संबंध में कोई गलती या लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारी निर्धारित करना शामिल है.

इसमें कहा गया है कि जांच अधिकारी को 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी होगी. अधिकारियों ने पहले कहा था कि मजिस्ट्रेट जांच के बाद घटना की प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. 

लापता मजदूरों को कितना मुआवजा? 

राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.  कलेक्टर ने पहले कहा था कि फैक्ट्री प्रबंधन को आठ लापता श्रमिकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था. उन्होंने कहा कि मृतकों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजा मलबे में मिले शरीर के हिस्सों की डीएनए जांच के बाद लापता श्रमिकों के परिजनों को दिया जाएगा.

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