Baloda Bazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय की ओर से अपने धार्मिक स्तंभ (जैतखाम) को नुकसान पहुंचाने की निंदा करने के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन के बाद सोमवार को कई कारों, मोटरसाइकिलों और एक सरकारी इमारत में आग लगा दी गई. घटना के बाद यहां धारा 144 लागू कर दी गई है.
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अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के किए गए पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव और डीजीपी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को स्थिति से अवगत कराया.
उन्होंने बताया कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिला प्रशासन ने बलौदाबाजार शहर में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत चार या अधिक लोगों के एकत्र होने, रैलियां और जुलूस निकालने पर रोक है.
क्यों भड़के लोग?
15-16 मई की मध्य रात्रि को अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास एक 'जैतखंभ' को तोड़ दिया, जिसे सतनामी समुदाय पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है. स्थानीय पुलिस ने कथित तौर पर अपवित्रता में शामिल होने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन सतनामी समुदाय ने मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने पर जोर दिया.
अधिकारी ने बताया कि घटना के विरोध में सतनामी समुदाय ने सोमवार को यहां दशहरा मैदान में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था. विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में सतनामी समुदाय के सदस्य शामिल हुए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कलेक्ट्रेट की ओर बढ़ने से रोकने के लिए कई जगहों पर बैरिकेड्स लगा दिए थे.
बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने कहा, "सतनामी समुदाय ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन विरोध हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव किया और बैरिकेड्स तोड़कर कलेक्ट्रेट में घुस गए. उन्होंने कार्यालय भवन पर पथराव किया और वहां खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया."
5,000 प्रदर्शनकारी, जमकर हुआ बवाल
सदानंद कुमार ने बताया कि करीब 5,000 प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और पथराव किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने कलेक्ट्रेट में घुसकर कई कारों, दोपहिया वाहनों के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय वाली इमारत को भी आग के हवाले कर दिया. कुमार ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर कार्यालय पर भी पथराव किया और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए. आग बुझा दी गई और स्थिति नियंत्रण में आ गई.
उपद्रवियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
एसपी ने बताया कि हमने हिंसा के वीडियो फुटेज एकत्र किए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. हिंसा से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. प्रदर्शन स्थल से प्राप्त तस्वीरों में करीब 50 मोटरसाइकिल, दो दर्जन कारें और कलेक्टर कार्यालय में आग लगी हुई दिख रही है. भीड़ ने एक फायर ब्रिगेड वाहन को भी आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शनकारियों को पुलिस कर्मियों के साथ भिड़ते देखा गया.
सीएम साय ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री साय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक और रायपुर संभाग आयुक्त को तत्काल मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव और डीजीपी को फोन कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली है और इस पर रिपोर्ट भी मांगी है. शांति की अपील करते हुए सीएम ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
‘अधिकारी-कर्मचारियों में भय का माहौल’
हिंसा और आगजनी के बाद बलौदाबाजार-भाटापारा कलेक्टर केएल चौहान ने आदेश जारी कर बलौदाबाजार नगर पालिका क्षेत्र में सोमवार रात 9 बजे से 16 जून की मध्य रात्रि 12 बजे तक सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। आदेश में कहा गया है कि सोमवार को सतनामी समाज द्वारा किए गए प्रदेश स्तरीय आंदोलन (कलेक्टर और एसपी कार्यालय का घेराव) के दौरान समग्र जिला कार्यालय परिसर में वाहनों और भवनों को निशाना बनाकर की गई तोड़फोड़ और आगजनी के परिणामस्वरूप बलौदाबाजार के निवासियों सहित वहां कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों में भय का माहौल निर्मित हो गया है. घटना के बाद असामाजिक तत्व भय का माहौल निर्मित कर जिले में शांति व्यवस्था भंग कर सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई (सीआरपीसी की धारा 144 लगाना) करना आवश्यक था.
आदेश के अनुसार, "अगले आदेश तक बलौदाबाजार नगर पालिका में रैली या जुलूस पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. दूसरे जिलों या बाहरी लोगों से पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के समूह का प्रवेश वर्जित रहेगा. कोई भी व्यक्ति तलवार, कुल्हाड़ी, लाठी, चाकू, कुल्हाड़ी आदि किसी भी प्रकार का हथियार लेकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं आएगा."
तोड़फोड़ की न्यायिक जांच के आदेश
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही 'जैतखंभ' की तोड़फोड़ की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. अधिकारी ने बताया कि "विभिन्न संगठनों और सतनामी समुदाय के प्रतिनिधियों की मांग पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, ने घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं." शर्मा ने सोमवार सुबह एक बयान में कहा कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उपमुख्यमंत्री ने लोगों से शांति और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का आग्रह किया.
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