Arang Mob Lynching: छत्तीसगढ़ के आरंग में तीन मुस्लिम युवाओं की कथित मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) के बाद मुस्लिम समाज का गुस्सा फूट पड़ा है. शुक्रवार को रायपुर में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया, जहां मंच से मुस्लिम नेताओं ने विष्णुदेव सरकार को खुली चेतावनी दे दी है. मुस्लिम समाज इस घटना को मॉब लिंचिंग करार देते हुए हत्यारों को पकड़ने की मांग की है. प्रदर्शन के दौरान समाज के लोग गिरफ्तारी देने के लिए आगे बढ़ रहे थे तभी पुलिसकर्मियों और समाज के लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी देखने को मिली.
ADVERTISEMENT
मुस्लिम समाज आरंग में 6 और 7 जून की रात घटी घटना को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करने जुटा था. हालात को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए थे. मुस्लिम समाज के लोग वारदात के 14 दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से नाराज हैं.
जमकर भड़के मुस्लिम नेता, दे दिया अल्टीमेटम
गिरफ्तारी से पहले मुस्लिम नेताओं ने मंच से जहां जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की वहीं साय सरकार को बड़ी चेतावनी भी दे डाली. इस दौरान कई वक्ताओं ने विवादित टिप्पणी भी की. एक वक्ता ने कहा, आरंग में जिसे मारा वो मुसलमान था,बीरनपुर में जो घटना हुई उसमें भी मुसलमान था, हिंदुस्तान की कई इलाकों में मुसलमानो को मारे जा रहे हैं. अब बर्दाश्त नहीं होगा. चाहे टाडा लगे या पोटा लगे."
एक वक्ता ने कानून हाथ में लेने की भी बात कह दी. कई वक्ताओं के भाषण का जिक्र हम संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां नहीं कर सकते.
इतना ही नहीं आंदोलन में नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि आज का आंदोलन सांकेतिक है,अगर पंद्रह दिन के भीतर आरोपी पकड़े नही गए तो, अगले आंदोलन में जो होगा उसका जिम्मेदार पुलिस और प्रशासन होगा.
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ के रायपुर से लगे आरंग में इसी महीने 6--7 जून की दरमियानी रात करीब ढाई बजे कथित तौर पर एक भीड़ ने तीन युवकों पर हमला बोल दिया. आरंग थाना क्षेत्र के महानदी पुल के ऊपर ट्रक में सवार में चांद मियां, गुड्डू खान की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं एक और युवक सद्दाम ने ईलाज के दौरान 18 जून को दम तोड़ दिया. मामले में पुलिस की तरफ से 18 जून को यह जानकारी दी गई कि सहारनपुर के रहने वाले चांद मियां, गुड्डू खान और सद्दाम खान ट्रक में सवार थे. पुलिस ने बताया कि पीएम रिपोर्ट के अनुसार तीनों की मौत चोट लगने से हुई है.
एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता शोहेब खान ने दावा किया कि चांद ने उसे फोन पर बताया कि जब तीनों पड़ोसी महासमुंद जिले से आरंग की ओर मवेशियों से भरे ट्रक में जा रहे थे, तो मोटरसाइकिल और अन्य वाहनों पर सवार कुछ लोगों ने उनका पीछा किया. ट्रक का टायर फटने के बाद, पीड़ितों का पीछा कर रहे लोगों ने उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी. एफआईआर में कहा गया है कि चांद ने शोहेब को बताया कि उसे और उसके दो अन्य साथियों को चोटें आई हैं और वे चलने की स्थिति में नहीं हैं.
फिलहाल मामले में 12 सदस्यों की एक एसआईटी गठित की गई है. लेकिन घटना के 14 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
ADVERTISEMENT